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क्या सोच रहे हो ! “कुछ भी तो नहीं”

कुछ नहीं सोच रहा हूँ 

किसी के ये पूछने पर कि क्या सोच रहे हो ! तब आपका का जवाब होता है  “कुछ नहीं” “कुछ भी तो नहीं” 

ऐसा भला हम सभी क्यों करते हैं । मेरे अनुसार ऐसा इसलिए करते हैं कि जो कुछ भी हम सोच रहे होते  हैं वो  बताने के लायक़ नहीं होता है । 

ज़्यादातर हम स्वयं को संतुष्ट करने के लिए फ़ैंटसी कर रहे होते हैं , और वो फ़ैंटसी को लोगों के सामने रखने का अर्थ अपना मज़ाक़ बनाना । 


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